मंगल ग्रह शांति जाप :- मंगल ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को शांत करने के लिए किया जाता है।कुज दोष और अंगारक दोष को मंगल दोष भी कहा जाता है।यह ग्रह शरीर की ऊर्जा, साहस, रक्त संचार और हड्डियों को प्रभावित करता है।मंगल दोष होने पर रक्त विकार, आक्रामकता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।यह रक्त परिसंचरण, अस्थि मज्जा और मांसपेशियों पर प्रभाव डालता है।इस दोष के कारण रक्तचाप, एनीमिया, दुर्घटनाओं और शारीरिक कमजोरी की संभावना बढ़ जाती है।
शुभ मंगल जाप के माध्यम से इन सभी नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।यह जाप मंगल देवता का आह्वान करके और वैदिक मंत्रों का उच्चारण करके किया जाता है।यह क्रोध, अस्थिरता, वैवाहिक बाधाओं और दुर्भाग्य को दूर करने में सहायक होता है।
जब लग्न कुंडली में मंगल 1, 4, 7, 8 और 12वें भाव में स्थित होता है, तो यह मांगलिक दोष पैदा करता है | जो वैवाहिक जीवन में अशांति उत्पन्न करता है | अतः उसकी मंगल शांति करवा लेनी चाहिए |
मंगल ग्रह जाप कब करें?
जब मंगल ग्रह की दशा अन्तर्दशा में शारीरिक मानसिक आर्थिक हानि हो रही हो तो यह ग्रह शांति करवा लेनी चाहिए
मंगल ग्रह जाप मंगलवार को सबसे उपयुक्त है।
किसी व्यक्ति के जन्म नक्षत्र के अनुसार जाप की तिथि भी निर्धारित की जा सकती है।
मंगल ग्रह जाप के लाभ:
मंगल मंत्र जाप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। शत्रु बाधा, रोग, क्रोध और दुर्घटनाओं से रक्षा करता है।और सभी दुर्भाग्य को समाप्त करने में मदद करता है।
मंगल ग्रह का तांत्रिक मंत्र - ॐ अंगारकाय नम:।
मंगल ग्रह का वैदिक मंत्र- ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अय्यम्। अपां ग्वं रेतां ग्वं सि जिन्वति।।
जप संख्या 10000 कलियुग में चार गुना 40000 जप का विशेष फल मिलता है |
मंगल ग्रह जाप के लिए पुजारी जी को बुक करें। पुजारी जी सारी पूजा सामग्री लेकर आएंगे। सभी पुजारी जी अच्छे अनुभवी हैं और वैदिक पाठशाला से पढ़े हुए हैं।