यदि कुंडली में कालसर्प योग या राहु-केतु की अशुभ दशा हो, तो भगवान शिव को बिल्वपत्र अर्पित करने से इन दोषों का निवारण होता है।
यदि कोई शनि की साढ़े साती या ढैया से पीड़ित है, तो नियमित रूप से बेलपत्र चढ़ाने से शनि की पीड़ा कम होती है।
चंद्र दोष (मा
शत्रु बाधा नाश, कालसर्प योग निवारण, तंत्र-मंत्र दोष शांति।
सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक। विवाह में बाधा निवारण, दांपत्य सुख, सुख-समृद्धि।