भूमि पूजन धरती माता को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह पूजा मुख्य रूप से किसी भी निर्माण कार्य की शुरुआत में, भूमि पर उपस्थित नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और स्थान की पवित्रता सुनिश्चित करने के लिए की जाती है। यह प्रक्रिया न केवल वास्तु दोष को कम करती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है।
भूमि पूजन का महत्व
- धरती माता का आह्वान: पूजा में धरती माता से अनुमति और आशीर्वाद लिया जाता है।
- पंच तत्वों का सम्मान: पृथ्वी, जल, वायु, अग्नि और आकाश में से पृथ्वी सबसे पूजनीय है, क्योंकि वह जीवन का आधार है।
- आध्यात्मिक संतुलन: इस पूजा से स्थान को शुभ और सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर बनाया जाता है।
आवश्यक सामग्री
- नाग-नागिन का जोड़ा
- हल्दी, अबीर, गुलाल
- आम के पत्ते, तुलसी, और दरबा
- कलश और पूजा के अन्य जरूरी सामान
भूमि पूजन का शुभ समय
भूमि पूजन करने का सही समय वास्तु और पंचांग देखकर निर्धारित किया जाता है। शुभ तिथियां और मुहूर्त हर महीने अलग होते हैं। आमतौर पर यह तिथियां महीने में दो बार उपलब्ध होती हैं।
भूमि पूजन के लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा का निवारण: पूजा से निर्माण स्थल की नकारात्मकता दूर होती है।
- सकारात्मकता का प्रवाह: यह पूजा सुख-शांति और समृद्धि को सुनिश्चित करती है।
- वास्तु दोष का निवारण: किसी भी निर्माण स्थल के दोषों को कम या समाप्त करती है।
- सुरक्षित निर्माण कार्य: पूजा भवन निर्माण की बाधाओं को रोकती है।
- आशीर्वाद और सुरक्षा: भवन में रहने वालों के लिए धरती माता का आशीर्वाद और सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
सेवा विवरण
आप भूमि पूजन के लिए अनुभवी पंडितों की सेवा ले सकते हैं। पंडितजी सभी पूजा सामग्री के साथ आते हैं और विधिवत पूजा संपन्न करते हैं।
नोट: भूमि पूजन की लागत और पैकेज जानकारी के लिए "मूल्य और पैकेज देखें" बटन पर क्लिक करें।