भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिव पार्थिव पूजा एक शक्तिशाली पूजा है। पार्थिव लिंग का निर्माण: इस पूजा में मिट्टी से एक शिवलिंग बनाया जाता है, जो भगवान शिव का प्रतीक होता है। शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र पदार्थों जैसे जल, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक किया जाता है। इस दौरान वेद मंत्रों और विशेष रूप से रूद्राष्टाध्यायी का पाठ किया जाता है।
शिव पार्थिव पूजा का महत्व:
पवित्र स्नान और अभिषेक: शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
बिल्वपत्र एवं पुष्प अर्पण: शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, एवं अन्य शुभ पुष्प चढ़ाए जाते हैं।
प्रसाद एवं आरती: पूजा के बाद आरती की जाती है और प्रसाद वितरण होता है।
दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान देना इस पूजा में शुभ माना जाता है।
रुद्राभिषेक के लाभ:
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: रुद्राभिषेक शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
आध्यात्मिक विकास: यह आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
सुख-समृद्धि: रुद्राभिषेक व्यक्ति को सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
पाप मोचन: यह पूजा व्यक्ति के पापों को दूर करती है।
ग्रह दोष निवारण: रुद्राभिषेक ग्रह दोषों को दूर करने में मदद करता है।
कब करें रुद्राभिषेक?
शिवरात्रि: यह सबसे शुभ दिन है रुद्राभिषेक करने के लिए।
महाशिवरात्रि: यह भी एक बहुत ही शुभ दिन है।
सावन का महीना: इस महीने में शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है।
प्रदोष व्रत: इस दिन रुद्राभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
यदि आप रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो एक अनुभवी पुजारी से संपर्क करें। वे आपको पूजा की सही विधि और मंत्रों के बारे में बता सकते हैं।