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शिव पार्थिव पूजा

मूल्य : ₹4100 - ₹31100

शिव पार्थिव पूजा अत्यंत फलदायी पूजा  है जिसमें मिट्टी से पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की आराधना की जाती है। यह पूजा रुद्राभिषेक, और बिल्वपत्र अर्पण के साथ संपन्न होती है। गंगाजल, दूध, शहद, दही, घी और पंचामृत से अभिषेक कर श्रद्धापूर्वक पार्थिवकी पूजा की जाती है। इससे कर्म दोष, गृह दोष, पितृ दोष और जीवन की अन्य बाधाएं दूर होती हैं। यह सुख-समृद्धि, दीर्घायु, स्वास्थ्य और मनोकामना पूर्ति के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है।

मुख्य जानकारी

o    शारीरिक स्वास्थ्य: यह पूजा शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारती है और रोगों से बचाती है।
o    मानसिक शांति: रुद्राभिषेक मन को शांत करता है और तनाव को कम करता है।
o    आध्यात्मिक विकास: यह पूजा आध्यात्मिक विकास में मदद करती है और व्यक्ति को ईश्वर के करीब लाती है।
o    सुख-समृद्धि: रुद्राभिषेक व्यक्ति को सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
o    पाप मोचन: यह पूजा व्यक्ति के पापों को दूर करती है और उसे पवित्र बनाती है।

हमारा वादा

वैदिक विधि - सभी अनुष्ठान प्राचीन वैदिक विधियों का पालन करते हुए किए जाते हैं।
समयबद्धता - हम समय के पाबंद हैं और प्रामाणिकता की गारंटी देते हैं।
मार्गदर्शन - हमारे पुजारी आपको पूरे अनुष्ठान के दौरान मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
सुखद पूजा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री।
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पूजा संपन्न होगी :

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  • सामान्य प्रश्न

भगवान शिव की कृपा पाने के लिए शिव पार्थिव पूजा एक शक्तिशाली पूजा है। पार्थिव लिंग का निर्माण: इस पूजा में मिट्टी से एक शिवलिंग बनाया जाता है, जो भगवान शिव का प्रतीक होता है। शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र पदार्थों जैसे जल, दूध, दही, शहद, घी आदि से अभिषेक किया जाता है। इस दौरान वेद मंत्रों और विशेष रूप से रूद्राष्टाध्यायी  का पाठ  किया जाता है।

शिव पार्थिव पूजा का महत्व:

पवित्र स्नान और अभिषेक: शिवलिंग का गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से अभिषेक किया जाता है।
बिल्वपत्र एवं पुष्प अर्पण: शिवलिंग पर बिल्वपत्र, धतूरा, एवं अन्य शुभ पुष्प चढ़ाए जाते हैं।
प्रसाद एवं आरती: पूजा के बाद आरती की जाती है और प्रसाद वितरण होता है।
दान-पुण्य: जरूरतमंदों को दान देना इस पूजा में शुभ माना जाता है।

रुद्राभिषेक के लाभ:

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: रुद्राभिषेक शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
आध्यात्मिक विकास: यह आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
सुख-समृद्धि: रुद्राभिषेक व्यक्ति को सुख, समृद्धि और सफलता प्रदान करता है।
पाप मोचन: यह पूजा व्यक्ति के पापों को दूर करती है।
ग्रह दोष निवारण: रुद्राभिषेक ग्रह दोषों को दूर करने में मदद करता है।


कब करें रुद्राभिषेक?

शिवरात्रि: यह सबसे शुभ दिन है रुद्राभिषेक करने के लिए।
महाशिवरात्रि: यह भी एक बहुत ही शुभ दिन है।
सावन का महीना: इस महीने में शिव की पूजा का विशेष महत्व होता है।
प्रदोष व्रत: इस दिन रुद्राभिषेक करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
यदि आप रुद्राभिषेक करना चाहते हैं तो एक अनुभवी पुजारी से संपर्क करें। वे आपको पूजा की सही विधि और मंत्रों के बारे में बता सकते हैं।

प्रश्न 1: क्या मैं पूजा की पुष्टि के लिए पहले से कुछ पैसे दे सकता हूँ और बाकी पैसे बाद में दूँ?
उत्तर: ज़रूर, आप पूजा बुक करने के लिए पहले से थोड़े से पैसे दे सकते हैं। बाकी पैसे आप पूजा के बाद नकद या ऑनलाइन दे सकते हैं।

प्रश्न 2: पूजा में कितना समय लगता है?
उत्तर: आम तौर पर पूजा में 2 घंटे या उससे ज़्यादा समय लगता है। यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपने कौन सा पूजा पैकेज चुना है।

प्रश्न 3: क्या हम आनलाइन पूजा करवा सकते है 
उत्तर: जी जरुर जो फल सामने बैठ कर मिलता है वही फल आपको आनलाइन पूजा करवाने पे मिलेगा | आपनी श्रद्धा और विश्वास बनाये रखिये |

अगर आपको और कोई सवाल है, तो बेझिझक पूछ सकते हैं।