वारुणी पर्व विशेष व्यापार वृद्धि व रोग मुक्ति हेतु पूजा
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स्वयंभू शिवलिंग तामेश्वर नाथ धाम उत्तर प्रदेश
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Monday, 5 May 2025,
अब तक 250+ से अधिक भक्त पुजारी जी की इस पूजा को बुक कर चुके हैं।
भगवान शिव को पंचामृत अभिषेक करवाने से कुंडली के ग्रहों की अभिषेक करने से ग्रहों की प्रतिकूल दशा और अंतर्दशा से होने वाले कष्ट कम होते है और उससे लाभ मिलता है ग्रह हमारे अनुकूल होते हैं बिगड़े हुए काम बनते हैं रोगों से मुक्ति मिलती है कुंडली में यदि राहु-केतु या शनि की महादशा चल रही हो, तो पंचामृत अभिषेक करने से इसका प्रभाव कम होता है। ग्रहों की शांति होने से पारिवारिक कलह समाप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।दूध से अभिषेक करने से चंद्रमा मजबूत होता है, जिससे मानसिक शांति और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
शिव पूजा विशेष रूप से शनि, राहु और केतु दोष को दूर करती है।
रुद्राभिषेक करने से सभी प्रकार के ग्रह दोष शांत होते हैं।
शिव जी की कृपा से व्यापार, नौकरी, और वित्तीय स्थिति में सुधार होता है।शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करने से धन की कमी दूर होती है।जो लोग ऋणग्रस्त हैं या आर्थिक तंगी में हैं, उन्हें शिव पूजा अवश्य करनी चाहिए।
शिव जी की पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएँ समाप्त होती हैं।मांगलिक दोष और कुंडली दोष से ग्रस्त लोगों को विशेष रूप से शिव आराधना करनी चाहिए | शिव-पार्वती की संयुक्त पूजा करने से दांपत्य जीवन सुखी और प्रेमपूर्ण बनता है।
शिव जी की पूजा करने से पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान शिव को गंगाजल अर्पित करने और रुद्राक्ष की माला से जप करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मृत्यु के बाद शिवलोक की प्राप्ति और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है।
अपनी आवश्यकताओं के आधार पर पूजा और पैकेज चुनें, जैसे व्यक्तिगत, युगल या पारिवारिक पूजा।
अपनी पूजा के साथ-साथ गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान, अन्न दान, ब्राह्मण तर्पण जैसे अतिरिक्त विकल्प भी चुनें।
चुने गए पूजा के आधार पर अपना नाम, वंश (गोत्र) और पता (यदि लागू हो) के साथ संकल्प फॉर्म भरें।
चयनित पूजा में अपनी भागीदारी की पुष्टि करने के लिए भुगतान करें। अपने पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर पूजा के वास्तविक समय के अपडेट प्राप्त करें।
आपके नाम और वंश के साथ की गई पूजा का एक वीडियो 3-4 दिनों के भीतर आपके साथ साझा किया जाएगा और यह आपकी प्रोफ़ाइल पर भी उपलब्ध होगा। प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर दिए गए पते पर भेज दिया जाएगा।
बाबा तामेश्वरनाथ धाम, उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के खलीलाबाद में स्थित एक अत्यंत पवित्र एवं प्राचीन शिव मंदिर है। इसे पांडवकालीन स्वयंभू महादेव के रूप में जाना जाता है, जो इसे ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण बनाता है।
पांडवों का संबंध – मान्यता के अनुसार, अज्ञातवास के दौरान माता कुंती ने भगवान शिव की तपस्या की थी और यहाँ स्वयंभू शिवलिंग प्रकट हुआ था। इसलिए, इस स्थान को पांडवकालीन शिवधाम भी कहा जाता है।
स्वयंभू शिवलिंग – यहाँ विराजमान शिवलिंग स्वयंभू (स्वतः प्रकट) है, जो ताम्रवर्ण (तांबे के रंग) का प्रतीत होता है। यही कारण है कि इस धाम को "तामेश्वरनाथ" कहा जाता है।
धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
मनोकामना पूर्ति स्थल – इस धाम को श्रद्धालु अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए विशेष रूप से पूजते हैं। भक्तों का विश्वास है कि यहाँ सच्चे मन से की गई पूजा से समस्त बाधाएँ समाप्त होती हैं और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
ग्रह दोषों की शांति – यहाँ रुद्राभिषेक, महामृत्युंजय जाप, और शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और ग्रहों की दशा सुधारने में मदद मिलती है।
शिव अभिषेक की परंपराएँ – भगवान शिव को यहाँ गंगाजल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग, और पंचामृत अर्पित किया जाता है। इन पूजा-अर्चनाओं से भक्तों को मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
विवाह और संतान प्राप्ति की सिद्ध भूमि – दंपति यहाँ संतान सुख और दांपत्य जीवन की खुशहाली के लिए भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
मंदिर की विशेषताएँ और आयोजन
कांवड़ यात्रा का प्रमुख पड़ाव – यहाँ कांवड़िए विशेष रूप से गंगाजल लाकर भगवान शिव का अभिषेक करते हैं।
मुंडन संस्कार और अन्य अनुष्ठान – यह मंदिर बच्चों के मुंडन संस्कार के लिए प्रसिद्ध है, जहाँ कई परिवार अपने बच्चों का प्रथम संस्कार करवाने आते हैं।
बाबा तामेश्वरनाथ मंदिर हरे-भरे प्राकृतिक परिवेश के बीच स्थित है, जिससे यह स्थान अत्यंत शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण लगता है। मंदिर परिसर में स्थित तालाब और हरियाली इसे एक पवित्र तीर्थ स्थल बनाते हैं। यहाँ दर्शन करने मात्र से भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति की अनुभूति होती है।
व्यक्तिगत पूजा
दम्पति पूजा
पारिवारिक पूजा
पारिवारिक विशेष पूजा + फूलों की टोकरी का चढ़ावा