त्रिपिंडी श्राद्ध करने से व्यक्ति जीवन की सभी बाधाओं से मुक्त होकर संतान सुख व आर्थिक उन्नति को प्राप्त करता है
: पिशाच मोचन कुंड वाराणसी
: Thursday, 27 February 2025, फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी विशेष
अब तक 130+ से अधिक भक्त पुजारी जी की इस पूजा को बुक कर चुके हैं।
त्रिपिंडी श्राद्ध एक महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान है, जो पितरों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किया जाता है। यह श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए होता है जिनकी मृत्यु के बाद उचित कर्म नहीं किए गए या जिनकी आत्मा असंतुष्ट है। इस श्राद्ध के माध्यम से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
इस अनुष्ठान से पितृ दोष का निवारण होता है, जिससे परिवार में चल रही समस्याएँ जैसे आर्थिक संकट, वैवाहिक अड़चनें, संतान संबंधी बाधाएँ और स्वास्थ्य समस्याएँ दूर होती हैं। त्रिपिंडी श्राद्ध करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त होती हैं।
पारिवारिक कलह का समाधान:
पितृ दोष के कारण परिवार में होने वाले झगड़ों और तनाव को समाप्त कर सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाता है।
भाग्य में सुधार:
पितरों की कृपा से व्यक्ति का भाग्य प्रबल होता है और सफलता के अवसर बढ़ते हैं।
वंश वृद्धि:
त्रिपिंडी श्राद्ध वंश वृद्धि और संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
यह श्राद्ध कर्म परिवार में शांति, समृद्धि और सौभाग्य को बढ़ाता है। साथ ही, पितरों की आत्मा को संतोष और शांति मिलने से उनके आशीर्वाद से जीवन में सफलता और उन्नति मिलती है।
यहाँ पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है, जिससे वे प्रसन्न होकर परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
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राहु-केतु, शनि और मंगल जैसे अशुभ ग्रहों के प्रभाव को शांत करने के लिए यहाँ पूजन अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
अगर कोई व्यक्ति लगातार किसी नकारात्मक ऊर्जा, बुरे स्वप्न या असामान्य घटनाओं का अनुभव कर रहा हो, तो यहाँ तर्पण और पूजन से राहत मिलती है।
जीवन में यदि कोई कार्य बार-बार रुक रहा हो या असफलता मिल रही हो, तो इस पितृ पूजन करने से कार्य सिद्धि होती है।
अपनी आवश्यकताओं के आधार पर पूजा और पैकेज चुनें, जैसे व्यक्तिगत, युगल या पारिवारिक पूजा।
अपनी पूजा के साथ-साथ गौ सेवा, दीप दान, वस्त्र दान, अन्न दान, ब्राह्मण तर्पण जैसे अतिरिक्त विकल्प भी चुनें।
चुने गए पूजा के आधार पर अपना नाम, वंश (गोत्र) और पता (यदि लागू हो) के साथ संकल्प फॉर्म भरें।
चयनित पूजा में अपनी भागीदारी की पुष्टि करने के लिए भुगतान करें। अपने पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर पूजा के वास्तविक समय के अपडेट प्राप्त करें।
आपके नाम और वंश के साथ की गई पूजा का एक वीडियो 3-4 दिनों के भीतर आपके साथ साझा किया जाएगा और यह आपकी प्रोफ़ाइल पर भी उपलब्ध होगा। प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर दिए गए पते पर भेज दिया जाएगा।
पिशाच मोचन कुंड, वाराणसी से जुड़ी और भी कई धार्मिक मान्यताएँ और ऐतिहासिक पहलू हैं, जो इसे अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बनाते हैं। इस कुंड का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है, और यहाँ नियमित रूप से हजारों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं।
स्कंद पुराण के काशी खंड में पिशाच मोचन कुंड का उल्लेख मिलता है। इसमें कहा गया है कि जो भी व्यक्ति यहाँ स्नान करता है, वह अपने पापों से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति करता है
पिशाच मोचन कुंड में स्नान करने और पिंडदान करने से पूर्व जन्म के पापों का प्रायश्चित संभव होता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
श्राद्ध पक्ष, अमावस्या और एकादशी के दिन यहाँ विशेष भीड़ रहती है, क्योंकि इन दिनों को तर्पण के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय के पश्चात इस कुंड में स्नान करके अपने पितरों का श्राद्ध किया था, जिससे यह स्थान पितृ तर्पण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
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